मुहावरे | Muhavare In Hindi

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प्रिय, पाठकों इस पोस्ट में हमने मुहावरों ( Idioms in Hindi) के बारे में जानकारी प्रदान की है। हमने यहाँ मुहावरों के अर्थ(Muhavare in Hindi with meaning) और उनकी उदाहरण सहित व्याख्या की है। किसी भी भाषा की समृद्धि और उसकी अभिव्यक्ति की क्षमता के विकास हेतु मुहावरों और लोकोक्तियों का प्रयोग उपयोगी होता है। भाषा में इनके प्रयोग से सजीवता और सौंदर्य आ जाता है, इसके फलस्वरूप पाठक या श्रोता शीघ्र ही प्रभावित हो जाता है। जिस भाषा में मुहावरों (Idioms) और लोकोक्तियों (Proverbs) जितना अधिक प्रयोग होगा, उसकी अभिव्यक्ति क्षमता उतनी ही प्रभावपूर्ण व रोचक होगी।

 

मुहावरे || Muhavare In Hindi || Idioms in Hindi

 

 

मुहावरे ( Idioms in Hindi)

मुहावरा’  अरबी भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ है ‘अभ्यास होना’ या ‘आदी होना’। इस प्रकार  हम कह सकते हैं कि मुहावरा शब्द  स्वयं में ही एक मुहावरा (Idiom) है, क्योंकि यह अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर असामान्य अर्थ प्रकट करता है।  मुहावरा (Idioms) संक्षिप्त होता है, परन्तु अपने इस संक्षिप्त रूप में ही किसी बड़े विचार या भाव को प्रकट करता है।

लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर (Difference b/w Proverbs & Idioms)

 

मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर निम्न बिंदुओं द्वारा समझा जा सकता है :-
  • लोकोक्ति पूर्ण वाक्य होती हैं जबकि मुहावरा वाक्य का अंश होता है।
  • मुहावरे का प्रयोग वाक्य के अंत, आरम्भ और बीच में कहीं भी किया जा सकता हैं जबकि लोकोक्ति एक सम्पूर्ण वाक्य होता है।
  • पूर्ण इकाई होने के कारण लोकोक्ति में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं होता है जबकि मुहावरों में वाक्य अनुसार परिवर्तन होता हैं.
  • लोकोक्ति लोक में प्रचलित उक्ति होती हैं जो भूतकाल का लोक अनुभव होती हैं जबकि मुहावरा अपने रूढ़ अर्थ के लिए प्रसिद्ध होता है।
  • पूर्ण वाक्य होने के कारण लोकोक्ति का प्रयोग स्वतंत्र और अपने आप में पूर्ण इकाई के रूप में होता है जबकि मुहावरा किसी वाक्य का अंश बनकर आता है।
  • लोकोक्ति तथा मुहावरे में उपयोगिता की दृष्टी से भी पर्याप्त अन्तर होता है। लोकोक्ति किसी बात का समर्थन, विरोध अथवा खंडन करने के लिए प्रयोग में ली जाती है।

 

मुहावरों के अर्थ और उदाहरण सहित व्याख्या

1. अंग-अंग ढीला होना – (बहुत थक जाना) – दिन भर खेत में काम करने के कारण आज मेरा अंग-अंग ढीला हो रहा है।

 

 


2. अंगूठा दिखाना – (देने से साफ इनकार करना) – मुझे विश्वास था कि राम मुझे पैसे उधार देगा, लेकिन उसने तो समय आने पर अंगूठा दिखा दिया ।

 

 


3. अगर-मगर करना – (टाल-मटोल करना) – जब भी मैं उससे अपनी पुस्तक माँगता हूँ तो वह अगर-मगर करने लगता है।

 

 


4. अक्ल पर पत्थर पड़ना – (कुछ समझ में न आना) – तुमको मैंने कितनी बार समझाया है कि तुम जुआ मत खेलो, लेकिन तुम मानते ही नहीं । लगता है तुम्हारी अक्ल पर पत्थर पड़ गये है।

 

 


5. अपना-सा मुँह लेकर रह जाना – (लज्जित होना) – जब मैंने उसे चोरी करते देख लिया तो वह अपना-सा मुँह लेकर रह गया ।

 

 


6. अपना उल्लू सीधा करना – (स्वार्थ सिद्ध करना) – आज-कल के नेता तो कुर्सी मिलते ही अपना उल्लू सीधा करने लगते हैं।

 

 


7. अपने पाँव आप कुल्हाड़ी मारना – (स्वयं अपनी हानि करना) – नगर के गुण्डे से झगड़ा मोल लेकर तुमने अपने पाँव आप कुल्हाड़ी मार ली है।

 

 


8. अपनी खिचड़ी अलग पकाना – (अलग-अलग रहना) – मनोहर लाल तो सदा अपनी खिचड़ी अलग पकाता है । वह दूसरे लड़कों के साथ मिलकर काम नहीं करता ।

 

 


9. अक्ल का दुश्मन – (मूर्ख)- अरे तुम तो अक्ल के दुश्मन हो । कभी तो सोचकर काम किया करो।

 

 


10. अन्धेरे घर का उजाला – (इकलौता पुत्र, जिस पर आशाएँ टिकी हों)- मोहन अपने माता-पिता के लिए अन्धेरे घर का उजाला है।

 

 


11. अँधे की लाठी/अँधे की लकड़ी – (एकमात्र सहारा) – अब तो यही पुत्र मुझ अन्धे की लाठी है।

 

 


12. अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना – (अपनी बड़ाई आप करना) – रामू की बातों पर विश्वास मत करो। वह तो हमेशा अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनता रहता है।

 

 


13. आँखें दिखाना – (क्रोध करना) – तुम भी अजीब आदमी हो । एक तो मेरा स्कूटर तोड़ दिया, ऊपर से आँखें दिशाते हो ।

 

 


14. आँखें खुलना – (होश आना) – ठोकरे खाने के बाद ही आदमी की आँखें खुलती है।

 

 


15. आँखों का तारा – (बहुत प्रिय) – कृष्ण अपने माता-पिता की आँखों का तारा है।

 

 


16. आँखों में धूल झोंकना – (घोखा देना) – चोर पुलिस की आँखों में धूल झोंककर भाग गया।

 

 


17. आँखें फेरना – (बदल जाना) – आजकल के मित्र काम निकल जाने के बाद आँखें फेर लेते हैं।

 

 


18. आँखें भर आना – (आँखों में आँसू आना) – राधा की करुण कहानी सुनकर मेरी तो आँखें भर आईं।

 

 


19. आँख लगना – (सो जाना) – रात को पढ़ते-पढ़ते उसकी आँख लग गई।

 

 


20. आपे से बाहर होना (अधिक क्रोधित होना) – अपनी आलोचना सुनकर नेता जी आपे से बाहर हो गए।

 

 


21. आगे-पीछे फिरना – (चापलूसी करना) – मोहन अफसरों के आगे फिरने में निपुण है। इसी प्रकार उसकी नौकरी लगी है।

 

 


22. आँखें चार होना – (प्रेम होना/आमना-सामना करना) – दिल बदल जाते हैं जब आँखें चार होती हैं।

 

 


23. आकाश से बातें करना – (बहुत ऊँचा होना) – मुम्बई के ऊँचे-ऊँचे भवन आकाश से बातें करते हैं।

 

 


24.आकाश पाताल एक करना – (बहुत प्रयत्न करना) – कक्षा में प्रथम आने के लिए मोहन ने आकाश पाताल एक कर दिया।

 

 


25. आँखें बिछाना – (स्वागत करना) – प्रधानमन्त्री का स्वागत करने के लिए लोग आँखें बिछाए खड़े थे।

 

 


26. आस्तीन का साँप – (कपटी मित्र) – अरे मोहन ! तुम राम की बातों में न आना । वह तो आस्तीन का साँप है।

 

 


27. आसमान सिर पर उठाना – (बहुत शोर करना) – अध्यापक के कक्षा से बाहर निकलते ही बच्चों ने आसमान सिर पर उठा लिया ।

 

 


28. ईद का चाँद होना – (बहुत दिनों बाद दिखाई देना) – आजकल तो महेश ईद का चाँद हो गया है। पता नहीं कहाँ रहता है ।

 

 


29. ईंट से ईंट बजाना (नष्ट करना) – लंका में आग लगाकर हनुमान जी ने उसकी ईंट से ईंट बजा दी।

 

 


30. उड़ती चिड़िया पहचानना – (बहुत चालाक होना) – राकेश को इतना भोला मत समझना वह तो उड़ती चिड़िया भी पहचानता है ।

 

 


31. ऊँट के मुँह में जीरा – (आवश्यकता से बहुत कम) – इन पहलवानों को पाव-पाव दूध पिलाना तो ऊँठ के मुँह में जीरा देने के समान है ।

 

 


32. एक आँख से देखना – (बराबर का बीव) – सभी माता-पिता अपने बच्चों को एक आँख से ही देखते हैं।

 

 


33. एड़ी-चोटी का जोर लगाना – (पूरा जोर लगाना) – छात्रवृति प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी एड़ी-चोटी का जोर लगाकर प्रथम आते हैं।

 

 


34. कलम तोड़ना – (बहुत सुन्दर लिखना) – मुन्शी प्रेमचन्द की रचनाएँ पढ़कर तो ऐसा लगता है कि उन्होंने कलम तोड़ दी हो ।

 

 


35. कमर कसना – (तैयार होना) निरक्षरता हटाने के लिए अब जनसाधारण को कमर कस लेनी चाहिए।

 

 


36. कोरा जवाब देना – (साफ इन्कार करना) – कक्षा में मोहन से कुछ भी माँगो तो वह कोरा जवाब दे देता है।

 

 


37. कठपुतली बनना  – (किसी के इशारे पर चलना) – आजकल एक देश दूसरे देश की कठपुतली बना हुआ है

 

 


38. कलेजा मुँह को आना – (घबराना) – उस रेल दुर्घटना में गाय को खून से लथ-पथ देखकर मेरा कलेजा मुँह को आ गया ।

 

 


39. कान पर जूँ न रेंगना – (कोई असर न होना) – उसे इतना समझाया गया, पर उसके कानों पर जूँ तक न रेंगी।

 

 


40. काला अक्षर भैंस बराबर – (अनपढ़ व्यक्ति) – अरे, किसके हस्ताक्षर करवा रहे हो, उसके लिए तो पढ़ाई-लिखाई काला अक्षर भैंस बराबर है।

 

 


41. कोल्हू का बैल – (रात-दिन काम करने वाला) – किसान कोल्हू के बैल की तरह खेत में काम करता है, किन्तु फिर भी गरीब ही है ।

 

 


42. कलेजे पर साँप लोटना – (ईर्ष्या से जलना) – मेरे कक्षा में प्रथम आने पर मेरे सहपाठी के कलेजे पर साँप लोट गए ।

 

 


43. खून का प्यासा – (कट्टर शत्रु) – आजकल तो भाई भी भाई के खून का प्यासा बना हुआ है।

 

 


44. खाला जी का घर – (आसान काम) – अब प्रथम क्षेणी लेकर पास होना खाला जी का घर नहीं है।

 

 


45. खरी-खोटी सुनाना – (सच्ची बात कहना) – उसे भगाने के लिए उसे खरी-खोटी तो सुनानी ही पड़ती है।

 

 


(46) खाक छानना – (मारे-मारे फिरना) – मैंने नौकरी की तलाश में सारे शहर की खाक छान दी है।

 

 


47. गुदड़ी का लाल – (छुपा रूस्तम) लाल बहादुर शास्त्री तो सचमुच गुदड़ी के लाल थे।

 

 


48. गड़े मुर्दे उखाड़ना – (पुरानी बातें ले बैठना) – अब तो हमें भविष्य के लिए सोचना है, इसलिए गड़े मुर्दे उखाड़ने का कोई लाभ नहीं है ।

 

 


49. गिरगिट की तरह रंग बदलना – (बहुत जल्दी अपने विचार बदलना) – आजकल के राजनीतिज्ञ तो गिरगिट की तरह अपना रंग बदलते हैं।

 

 


50. गाँठ का पूरा – (मालदार) – सेठ जी स्वभाव में चाहे जैसे भी हों, पर हैं तो गाँठ के पूरे ही।

 

 


51. गाल बजाना (ढींग मारना) – तुम तो ऐसे गाल बजाते हो जैसे हमें कुछ पता ही न हो।

 

 


52. गोबर-गणेश – (सीधा-सादा होना) – हमारा कुत्ता तो बिल्कुल गोबर गणेश है । वह तो किसी अनजान व्यक्ति को देखकर भौंकता ही नहीं।

 

 


53. गागर में सागर भरना – (संक्षेप में बहुत कुछ कह देना) – कबीर जी ने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया है।

 

 


54. घुटने टेकना – (आत्म-समर्पण करना) – हमारी क्रिकेट टीम के आगे तो कोई भी टीम घुटने टेकती है।

 

 


55. घाव पर नमक छिड़कना – (दुःखी को और दुखाना) – एक तो मोहन वैसे ही परेशान था, उस पर लोगों ने ऐसी बातें कहीं कि उसके दुःख तो कम न हुए, बल्कि घावों पर नमक और छिड़का गया ।

 

 


56. घोड़े बेचकर सोना – (निश्चित होकर सोना) – अपनी इकलौती लड़की को विदा करने के उपरान्त उसके घरवाले घोड़े बेचकर सो गए।

 

 


57. घी के दिए जलाना – (खुशियाँ मनाना) – अपनी नौकरी लगने पर राकेश ने घी के दिए जलाए ।

 

 


58. चार चाँद लगाना – (सुन्दरता बढ़ाना) – दीपावली के अवसर पर तो ऐसा लग रहा था मानों सारे शहर को किसी ने चार चाँद लगा दिए हों ।

 

 


59. चल बसना – (मर जाना) – दो महीनों तक अपनी खतरनाक बीमारी के साथ जुझने के पश्चात् आखिर मोहन के पिता चल बसे ।

 

 


60. चिराग तले अन्धेरा (गुण के साथ दोष) – हालाँकि रमेश एक सफल अध्यापक है, किन्तु फिर भी उसका बेटा आवारा है । यह तो वही बात हुई चिराग तले अन्धेरा ।

 

 


61. छाती पर मूंग दलना – (बहुत कष्ट पहुँचाना) – देखो तो सही, मेरा पुराना मित्र मेरे विरोधियों की सहायता करके आज मेरी छाती पर मूंग दल रहा है ।

 

 


62. छाती पर साँप लोटना – (ईर्ष्या होना) – परीक्षा में राकेश की शानदार सफलता देखकर पड़ोसियों की छाती पर साँप लोटने लगे ।

 

 


63. छक्के छूटना – (हिम्मत हारना) – भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सेनाओं के छक्के छुड़ा दिए।

 

 


64. छटी का दूध याद आना – (कठिनाई अनुभव करना) – गामा पहलवन के दांव-पेंच देखकर रूस्तम को छटी का दूध याद आ गया ।

65. जूतियाँ चाटना – (खुशामद) – मोहन ने मन्त्रियों की जूतियाँ चाटकर ही यह नौकरी प्राप्त की है।

 

 


66. जान हथेली पर रखना – (प्राणों की परवाह न करना)-झांसी की रानी लक्ष्मीबाई में जान हथेली पर रखकर अंग्रेज़ों का सामना किया ।

 

 


67. जलती आग में घी डालना –(क्रोध या लड़ाई को बढ़ाना)- भारत और पाकिस्तान में पहले ही तनाव रहता है। उस पर अमेरिका हमेशा जलती आग में घी डालने का काम करता है।

 

 


68. ज़हर का घूँट पीना – (क्रोध को दबाना) – मोहन की जली-कटी बातें सुनकर मुझे गुस्सा तो बहुत आया, लेकिन मित्रों को देखकर मैं ज़हर का घूँट पी गया ।

 

 


69. जले पर नमक छिड़कना – (दुखी को और दुखी करना) – तुम तो कृष्ण हमेशा जले पर नमक छिड़कते रहते हो। तुम्हें सोहन को सान्त्वना देनी चाहिए ।

 

 


70. ज़हर उगलना – (कड़वी बातें कहना) – वह सबके सामने तुम्हारा अपमान करके चला गया। अब ज़हर उगलने से क्या लाभ ?

 

 


71. जान पर खेलना – (खुशी से प्राण देना) – शहीद भगत सिंह भारत की आज़ादी के लिए जान पर खेल गए।

 

 


72. जी चुराना – (परिश्रम से भागना) – जो विद्यार्थी जीवन में कुछ बनना चाहता है, वह पढ़ाई से जी नहीं चुराता ।

 

 


73. ज़मीन-आसमान एक करना – (बहुत प्रयत्न करना) – कक्षा में प्रथम आने के लिए मोहन ने ज़मीन-आसमान एक कर दिया, लेकिन वह असफल रहा ।

 

 


74. टका-सा जवाब देना – (साफ इन्कार करना) – जब मैंने मोहन से उसका स्कूटर माँगा तो उसने टका-सा जवाब दे दिया।

 

 


75. टक्कर लेना – (मुकाबला करना) वीर शिवाजी ने मुगलों से अनेक बार टक्कर ली और उनको हरा दिया ।

 

 


76. ठोकरें खाना – (थक्के खाना) – जगह-जगह ठोकरें खाने के बाद उस चपड़ासी को नौकरी मिल ही गई।

 

 


77. टोपी उछालना –  (अपमान करना) – अब तो विद्यार्थी ही अध्यापक की टोपी उछाल देते हैं।

 

 


78. डूबते को तिनके का सहारा – (संकट में थोड़ी-सी सहायता मिलना) – इस मुसीबत के समय में तुम्हारे द्वारा दी गई सहायता मेरे लिए डूबते को तिनके का सहारा बनेगी।

 

 


79. ठन-ठन गोपाल – (जेब खाली होना) – उससे क्या पैसे माँग रहे हो, वह तो स्वंय ठन-ठन गोपाल है।

 

 


80. डींग मारना – (शेखी मारना) – राजेश सिर्फ डींगे ही मारता रहता है या उसे कुछ आता जाता भी है।

 

 


81. डूबती नैया पार लगाना – (कठिनाई से बचाना) – भगवान् करे हमारी डूबती नैया पार लग जाए।

 

 


82. तलवे चाटना – (चापलूसी करना) – उसकी उन्नति का कारण है कि वह दूसरों के तलवे चाटता रहता है।

 

 


83. तिल का ताड़ बनाना – (बात को बढ़ाना) – उसने छोटी-सी बात को इतना बड़ा बनाकर शिकायत लगा दी। यह तो वही बात हुई तिल का ताड़ बनाना ।

 

 


84. तिल धरने की जगह न होना – (बहुत अधिक भीड़ होना) – हर वर्ष धार्मिक स्थलों पर इतने लोग होते हैं कि तिल धरने की जगह भी नहीं बचती ।

 

 


85. तूती बोलना – (प्रभाव होना) – आजकल तो हमारे प्रधानमन्त्री की प्रत्येक जगह पर तूती बोलती है।

 

 


86. थूककर चाटना – (वचन से फिरना) – सच्चे व्यक्ति अपनी बात पर अटल रहते हैं। वे थूककर चाटते नहीं हैं ।

 

 


87. दंग रह जाना – (हैरान रह जाना) – जब हमें पता चला की चोर खुद घर का सदस्य ही था, तो हम दंग रह गए।

 

 


88. दिन में तारे नज़र आना – (कोई अनहोनी घटना से घबरा जाना) – शेर को अपने सामने पाकर तो रमेश को दिन में तारे ही नज़र आ गए।

 

 


89. दाँत खट्टे करना – (हराना) – भारत ने दो बार युद्ध में पाकिस्तान के दाँत खट्टे कर दिए थे।

 

 


90. दाँत पीसना – (क्रोध करना)- अंगद की खरी-खोटी बात सुनकर रावण दाँत पीसकर रह गया।

 

 


91. दिन फिरना – (अच्छे दिन आना) – हमेशा भगवान पर भरोसा रखो, दिन फिरते देर नहीं लगती।

 

 


92. दिन दुगुनी रात चौगुनी – (अत्यधिक) – कोई भी देश एक कर्त्तव्यनिष्ठ नेता के अधीन ही दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति करता है ।

 

 


93. दाल न गलना – (वश न चलना) – तुम अपने काम से ही काम रखो, तुम्हारी वहाँ दाल, नहीं गलने वाली।

 

 


94. दाँतों तले उंगली दबाना – (आश्चर्य प्रकट करना)- ताजमहल की सुन्दरता को देखकर तो दुनिया दाँतों तले उंगली दबा लेती है ।

 

 


95. धज्जियाँ उड़ाना – (पूरी तरह खण्डन करना) – भारतीय नेताओं ने अंग्रेज़ों की धज्जियाँ उड़ाकर उन्हें भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया ।

 

 


96. नाक में दम करना – (बहुत तंग करना) – शीला के बच्चे तो इतने शैतान हैं कि सबके नाक में दम कर देते हैं।

 

 


97. नमक-मिर्च लगाना  (छोटी-सी बात को बढ़ा-चढ़ाकर बताना) – काशी की आदत है, वह छोटी सी बात को भी नमक-मिर्च लगाकर बताता है ।

 

 


98. नाकों चने चबाना – (खूब तंग करना) – सुभाषचन्द्र बोस जैसे वीरों ने अंग्रेजी सेना से टक्कर लेकर उनको नाकों चने चबवा दिए ।

 

 


99. नौ-दो ग्यारह होना – (भाग जाना) – चोर तो पुलिस को देखते ही नौ-दो ग्यारह हो गए।

 

 


100. नीचा दिखाना – (हराना) – पाकिस्तान हमेशा भारत को नीचा दिखाने की कोशिश में रहता है।

 

 


101. पानी-पानी होना – (बहुत लज्जित होना) – सच्ची बात बोलते ही शीला पानी-पानी हो गई।

 

 


102. पीठ दिखाना – (युद्ध से भाग जाना) – वीर लोग युद्ध में पीठ दिखाकर नहीं भागते हैं।

 

 


103. पगड़ी उछालना – (अपमान करना) – किसी बुजुर्ग की पगड़ी उछालना सज्जन पुरुष का काम नहीं है।

 

 


104. पत्थर की लकीर – (अटल बात) – वह तो अपने सिद्धान्तों के लिए बहुत मशहूर है। उसने अगर कुछ कहा तो उसे पत्थर की लकीर ही समझो ।

 

 


105. पापड़ बेलना – (कई तरह के काम करना) – कमल ने कई तरह के पापड़ बेले है, लेकिन टिककर काम कहीं भी नहीं किया ।

 

 


106. बात का धनी – (वचन का पक्का) – प्राचीनकाल में राजपूत लोग बात के धनी थे।

 

 


107. बन्दर-घुड़की – (प्रभाव-हीन धमकी) – शिवाजी जैसे वीर औरगंज़ेब की बन्दर-घुड़कियों से डरने वाले नहीं थे।

 

 


108. बाल की खाल निकालना – (बहुत अधिक छान-बीन करना) – चोर तो चोरी करके भाग गये हैं, अब पुलिस बाल की खाल उतारने में लगी हुई है।

 

 


109. बाल बांका न करना-थोड़ी भी हानि न करना)-आपके रहते हुए मेरा कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता ।

 

 


110. बाएं हाथ का खेल – (आसान कार्य) – आई.ए.एस. की परीक्षा पास करना बाएं हाथ का खेल नहीं है।

 

 


111. बगुला भगत – (कपटी व्यक्ति) – आजकल के अधिकांश नेता तो बगुला भगत है। उनकी बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

 

 


110. बाएं हाथ का खेल – (आसान कार्य) – आई.ए.एस. की परीक्षा पास करना बाएं हाथ का खेल नहीं है।

 

 


111. बगुला भगत – (कपटी व्यक्ति) – आजकल के अधिकांश नेता तो बगुला भगत है। उनकी बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

 

 


112. भांडा फोड़ना – (भेद प्रकट करना) – रोहित काफी समय से इधर-उधर हाँक रहा था, लेकिन मोहन ने उसका भांडा फोड़ दिया कि वही असली चोर है।

 

 


113. मिट्टी का माधो – (निरा मूर्ख) – तुम भी किस की प्रशंसा के पुल बांध रहे हो। वह तो निरा मिट्टी का माधो है।

 

 


114. मुँह की खाना – (बुरी तरह से हारना) – 1971 में भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी थी।

 

 


115. मुट्ठी गर्म करना – (रिश्वत देना) – आजकल मुट्ठी गर्म किये बिना कोई भी काम नहीं होता।

 

 


116. रंगा सियार – (धोखेबाज) – तुम्हें उस बदमाश की बातों में नहीं आना चाहिए।

 

 


117. रफू चक्कर होना – (भाग जाना) – पुलिस को देखते ही बदमाश लोग रफू चक्कर हो गये।

 

 


118. लकीर का फकीर – (अन्धविश्वासी होना) – आज के वैज्ञानिक युग में भी ग्रामीणवासी लकीर के फकीर बने हुए हैं।

 

 


119. लाल-पीला होना – (क्रुद्ध होना) – बेटी ने माँ से कहा-माँ आप लाल-पीली क्यों हो रही हैं? मैंने ये शीशे के बर्तन नहीं तोड़े ।

 

 


120. लोहा मानना – (शक्ति मानना) – अकबर बादशाह भी महाराणा प्रताप का लोहा मानता था।

 

 


121. लेने के देने पड़ जाना – (लाभ के बदले हानि होना) – 1971 में भारत से युद्ध करके पाकिस्तान को लेने के देने पड़ गए ।

 

 


122. लोहे के चने चबाना – (अधिक कष्ट अनुभव करना) – अब अगर पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण किया तो उसे लोहे के चने चबाने पड़ेंगे ।

 

 


123. लहू-पसीना एक करना – (अत्यधिक परिश्रम करना) – खेतों से अच्छी फसल लेने के लिए किसान को लहू-पसीना एक करना पड़ता है।

 

 


124. सिर चढ़ाना – (किसी की आदतें खराब करना) – बच्चे को अधिक सिर चढ़ाना अच्छा नहीं । बड़ा होकर तुमको ही परेशान करेगा।

 

 


125. सिर ओखली में देना – (आफत या मुसीबत मोल लेना) – नगर के गुण्डों से टक्कर लेकर तुम ने अपना सिर ओखली में दे दिया है ।

 

 


126. सिर मुंडाते ही ओले पड़ना – (आरम्भ में ही हानि होना) – बेचारे ने कल ही नयी दुकान खोली थी और रात को वहाँ चोरी हो गई ।

 

 


127. सूर्य को दीपक दिखाना – (प्रसिद्ध व्यक्ति का परिचय देना) आप लोगों के सामने प्रधानमन्त्री का परिचय देना तो सूर्य को दीपक दिखाना है ।

 

 


128. हवा से बातें करना – (तेज़ भागना) – जनाब, यह घोड़ा तो हवा से बातें करता है। बैठकर देख लो, पता चल जायेगा।

 

 


129. हक्का-बक्का रह जाना – (हैरान रह जाना) – चुनाव में एक किसान की विजय के बारे में जानकर सभी लोग हक्के-बक्के रह गए।

 

 


130. हाथ तंग होना – (पैसे का अभाव होना) – चोरी होने के बाद से बेचारे मोहन लाल का हाथ तंग हो गया है।

 

 


131. हाथ मलना – (पश्चात्ताप करना) – अब हाथ मलने से क्या लाभ ? पहले परिश्रम करते तो परीक्षा में पास हो जाते ।

 

 


132. हाथ धोकर पीछे पड़ना – (बुरी तरह से पीछा करना) – आजकल तो हाथ धोकर मन्त्रियों के पीछे पड़ना चाहिए, तभी वे काम करते हैं।

 

 


133. हाथ धो बैठना – (खो देना, छिन्न जाना) – हमारी पड़ोसिन दशहरा देखने गई थी, अपने सोने की चैन से भी हाथ धो बैठी।

 

 


134. हाथ पर हाथ धरकर बैठना – (निठल्ले बैठना)-देखो बेटा ! हाथ पर हाथ धरकर मत बैठो। परिश्रम करने पर ही सफलता मिलेगी।

 

 


135. हाथ-पैर मारना – (प्रयत्न करना) – भाई । बिना हाथ-पैर मारे आजकल नौकरी नहीं मिलती है?

 

 


136. हाथ पसारना – (माँगना) – अब खुद कमाना शुरू करो । बाप के सामने कब तक हाथ पसारते रहोगे?

 

 


137. हथियार डालना – (हार स्वीकार करना) – 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान ने भारत के सामने हथियार डाल दिये थे।

 

 


138. पेट में चूहे दौड़ना – (भूख लगना) – सारा दिन उपवास करने के कारण मेरे पेट में तो चूहे दौड़ रहे हैं।

 

 


139. धाक जमाना – (प्रभाव पैदा करना) – वीर शिवाजी की धाक समूचे दक्षिण भारत में जम गई थी।

 

 


140. दुम दबाकर भागना – (डरकर भागना) – पुलिस को देखकर चोर दुम दबाकर भाग गए।

 

 


141.ढेर करना (मार देना) – भारतीय सेना ने पाकिस्तान के घुसपैठियों को सीमाओं पर ही ढेर कर दिया ।

 

 


142. हाथ का सच्चा – (ईमानदार व्यक्ति)- आज के जमाने में हाथ का सच्चा व्यक्ति मिलना बहुत कठिन है।

 

 


143. हाथों के तोते उड़ जाना – (बुरा समाचार सुनकर घबरा जाना)- जैसे ही खेत में आग लगी वैसे ही बेचारे किसान के तो हाथों के तोते ही उड़ गए।

 

 


144. रंग में भंग पड़ना – (मजा किरकिरा होना) – स्कूल में जलसा अभी शुरू ही हुआ था कि लड़कों में मारपीट शूरू हो गई, इसे कहते हैं रंग में भंग पड़ना।

 

 


145. लुटिया डुबोना – (सारा काम बिगाड़ देना) – मैं तो समझता था कि भारत की क्रिकेट टीम पकिस्तान को हरा देगी लेकिन उसने तो लुटिया ही डुबो दी।

 

 


146. मुहें देखते रह जाना – (हैरान होना) – जादूगर का तमाशा देखकर सभी बच्चे मुह देखते रह गए

 

 


147. बीड़ा उठाना – (जिम्मेदारी लेना)- राजीव गान्धी ने देश से गरीबी खत्म करने का बीड़ा उठाया था लेकिन वे सफल नहीं हुए !

 

 


 

हम आशा करते हैं कि आपको Muhavare in Hindi पसंंद आई होगी।

 

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