प्रिय, पाठकों आज की इस पोस्ट में हमने रोला छन्द के बारे में जानकारी प्रदान की है। आशा करते हैं कि आपको रोला छन्द की परिभाषा तथा रोला छन्द के उदाहरण सहित यह जानकारी पसंद आएगी।
चौपाई की परिभाषा
परिभाषा :- रोला मात्रिक समछन्द है। इसमें कुल चौबीस मात्राएं होती हैं और ग्यारह , तेरह यति होती है। प्रथम ग्यारह मात्राओं में क्रमशः छकल, द्विकल और त्रिकल तथा तेरह मात्राओं में क्रमशः त्रिकल, द्विकल, छकल और द्विकल आने चाहिए ।
कहा भी गया है :- रोला में चौबीस कला, पति ग्यारह तेरह ।
रोला छन्द को इस उदाहरण से समझिए –
6 2 3 3 2 6 2
ऽ ऽ ऽ ऽ । ऽ । ऽ ऽ ऽ । । ऽ
जीती जीती हुई =11 जिन्होंने भारत बा जी। = 13
। । । । ऽ । । ऽ । । ऽ ऽ । । । । ऽ ऽ
निज बल से मलमेट = 11 विषयी मुगल कुराजी ।। = 13
। । ऽ ऽ ऽ । । । । ऽ ऽ ऽ । । ऽ ऽ
जिनके आगे ठहर = 11 सके जगी न जहाजी = 13
ऽ ऽ ऽ । । ऽ । ऽ । । । ऽ । । ऽ ऽ
ये हैं वे हि प्रसिद्ध = 11 छत्रपति भूप शिवाजी = 13
एक अन्य उदाहरण से समझिए
हे देवों ! यह नियम, सृष्टि में सदा अटल है।
रह सकता है वही सुरक्षित जिस में बल है।
निर्बल का है नहीं जगत में कहीं ठिकाना ।
रक्षा साधन उसे प्राप्त हो चाहे नाना ।