प्रत्यय | Pratyay in Hindi

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प्रिय, पाठकों इस पोस्ट में हमने प्रत्यय ( Pratyay  in Hindi) के बारे में जानकारी प्रदान की है। हमने यहाँ प्रत्यय किसे कहते हैं (What is Pratyay  in Hindi) , कृदन्त प्रत्यय, तध्दित प्रत्यय और उनकी उदाहरण सहित व्याख्या की है। 
प्रत्यय(Suffix) के बारे में पढ़ने से पहले हमें शब्दांश के बारे में जानकारी लेने जरूरी है।
यहाँ प्रत्यय(Suffix) के बारे में जो जानकारी दी गई है वह इस प्रकार है –
  • शब्दांश किसे कहते हैं?
  • शब्दांश के भेद
  • प्रत्यय किसे कहते है (Pratyay kise kahte hain)
  • प्रत्यय के प्रकार
  • कृदन्त प्रत्यय किसे कहते हैं?
  • तध्दित प्रत्यय किसे कहते हैं?

शब्दांश किसे कहते है ( Shabdansh in Hindi)

शब्दांश :- जो ध्वनि या ध्वनि-समूह स्वतन्त्र रूप से अर्थ प्रदान नहीं करती, बल्कि दूसरे शब्दों के साथ मिलकर अर्थ देती है उसे शब्दांश कहते हैं । शब्दांशों का अपना कोई अर्थ नहीं होता, लेकिन वे अन्य शब्दों के साथ मिलकर सार्थक बन जाते हैं । 
इन शब्दांशों में से कुछ उपसर्ग होते हैं और कुछ प्रत्यय । अतः शब्दाशों के दो भेद हैं :-
2. प्रत्यय 
जैसा कि आपको विदित है हम यहाँ पर प्रत्यय(Suffix) के बारे में चर्चा कर रहे हैं।
प्रत्यय || Pratyay in Hindi || Pratyay kise kahte hain || Suffix in hindi

 

 प्रत्यय किसे कहते हैं ( Suffix in Hindi)

जो शब्दांश शब्दों के अन्त में जुड़कर नये शब्द बनाते हैं और उनके अर्थ में परिवर्तन लाते हैं, उनको प्रत्यय कहते हैं ।
 जैसे :- सरलता। यहाँ ‘सरल‘ शब्द में ‘ता‘ प्रत्यय लगाने से अर्थ में परिवर्तन हो गया है। प्रत्ययों के दो प्रकार हैं
1. कृत् 
2. तद्धित 
 

कृदन्त प्रत्यय किसे कहते हैं ?

धातुओं के अन्त में लगकर उनके अर्थों में परिवर्तन लाने वाले प्रत्ययों को कृत् प्रत्यय कहते हैं और इन प्रत्ययों के लगने से बनने वाले शब्दों को कृदन्त कहते हैं ।
कृत् प्रत्यय पाँच प्रकार के हैं
1. कर्तृवाचक, 
2. कर्मवाचक,
 3. करणवाचक, 
4. भाववाचक, 
5. क्रियावाचक 
1. कर्तृवाचक :- कर्ता का बोध कराने वाले प्रत्ययों को कर्तृवाचक कहते हैं।
जैसे :- पानेवाला, खानेवाला, चरवाहा, विचारक, खिलाड़ी, लुटेरा आदि ।
2. कर्मवाचक :- जिन प्रत्ययों के प्रयोग से कर्म का बोध हो उन्हें कर्मवाचक प्रत्यय कहते हैं। 
जैसे :- बिछौना, ओढ़नी, सूंघनी आदि।
3. करणवाचक :- जिन प्रत्ययों के लगने से क्रिया साधन का बोध हो, उन्हें करणवाचक प्रत्यय कहते हैं। 
जैसे :- ढकना (ढकनेवाला), बुहारी, कतरनी आदि ।
4. भाववाचक :- जिन प्रत्ययों से लगने से धातु-व्यापार का बोध हो, उन्हें भाववाचक प्रत्यय कहते हैं। 
जैसे :- उड़ान, बुलावा, प्यास, रूकावट, घबराहट, चढ़ाई, सुनवाई आदि ।
5. क्रियावाचक :- जिन प्रत्ययों के लगने से भूत या वर्तमान की क्रियाओं की तरह के विशेषण बनें, उन्हें क्रियावाचक प्रत्यय कहते हैं। 
जैसे :- पढ़ता, भागता, आता, सोता हुआ, खोया हुआ आदि।
कुछ कृदन्त शब्दों के उदाहरण नीचे बताए गए हैं :-
प्रत्यय क्रिया कृदन्त शब्द
वाला गाना गाने वाला
इया जड़ना जड़िया
औना खेलना खिलौना
आलू लजाना लजालु
आवा बुलाना बुलावा
झूलना झूला
आहट घबराना घबराहट
झाड़ना झाडू
मरना मार
खपना खपत
आई चढ़ना चढ़ाई
बुहारना बुहारी
आन उड़ना उड़ान
आक तैरना तैराक
एरा लूटना लुटेरा
इयल अड़ना अड़ियल
औड़ा भागना भगौड़ा
आई चढ़ना चढ़ाई
वट सजना सजावट
हँसना हँसी
बचना बचत

तध्दित प्रत्यय किसे कहते हैं ? 

 

जो प्रत्यय क्रिया को छोड़कर अन्य शब्दों- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण अथवा अव्यय शब्दों के अन्त में जुड़ते हैं, उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं ।
तद्धित प्रत्यय क्रिया शब्दों के साथ नहीं लगते । तद्धित प्रत्यययुक्त शब्दों को तद्धितान्त शब्द कहते हैं। ये प्रत्यय अनेक प्रकार के हैं।
(1) अयत्य वाचक :- जो तद्धित प्रत्यय सन्तान या पुत्र का बोध कराते हैं ।
जैसे :- अ, इ, ई, ऐ, य, इय ।
उदाहरण:- वासुदेव, दाशरथी, शैव, वैष्णव, दैत्य, गांगेय आदि ।
(2) सम्बन्धवाचक :- इ, आइ, एरा, इक, आल, जा आदि ।
उदाहरण : बगाली, ममेरा, धार्मिक, बहनोई, ससुराल, भतीजा ।
(3) भाववाचक :- ता, त्व, आ, आई, आपा, आस, पन, अट, नी, आहट, ई, आवट आदि ।
उदाहरण :- सरलता, लघुत्व, बुलावा, बुराई, भलाई, बुढ़ापा, अपनत्व, प्रभुता, मिठास, लिखावट, पीलापन, कड़वाहट, महिमा, संगत, चादंनी आदि ।
(4) कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय :- आर, आरी, इया, हारा, वाला, ई, क, कार, एरा, दार, गर, ची आ।
उदाहरण:- लुहार, भिखारी, मुखिया, लकड़हारा, पानवाला, तेली, रोगी, पाठक, पत्रकार, लुटेरा, दुकानदार, जादूगर, मछुआ।
(5) क्रमवाचक :- सरा, वाँ, हरा, गुना आदि ।
उदाहरण :- दूसरा, तीसरा, दसवाँ, दोहरा, सौगुना आदि ।
(6) गुणवाचक :- इक, इत, इल, मान्, वान्, वी, र, ल, लु, ईय, नीय, ऐला, आ, ई ला,ऊ।
उदाहरण :- मासिक, हर्षित, पंकिल, श्रीमान्, धनवान, मायवी, मधुर, वत्सल, श्रुद्धालु, भारतीय, पूजनीय, विषैला, प्यासा, भारी, रंगीला, बाज़ारू आदि ।
(7) स्त्रीलिंग वाचक : ई, इ, आ, आनी, नी, षी
उदाहरण:- चाची, कहारिन, बाला, प्रिया, जेठानी, शेरनी, विदुषी ।
(8) बहुवचन वाचक :- एँ, याँ।
उदाहरण :- मालाएँ, कन्याएँ, कुर्सियाँ, रानियाँ, लड़कियाँ ।
(9) ऊनतावाचक : इया, री, टी, ड़ी, ली।
उदाहरण :- खटिया, लुटिया, कोठरी, लंगोटी, पगड़ी, डफली ।
(10) विशेषण वाचक :- वान, ई, इक, इत ।
उदाहरण :- विद्यावान्, दयावान्, धनी, प्राकृतिक, मौखिक आनन्दित ।
(11) स्थानवाचक: ई, वाला, इया, य।
उदाहरण :- पंजाबी, मद्रासी, पूर्णिया, गायवाला, पाश्चात्य ।
(12) सादृष्यवाचक :- सा, हरा।
  उदाहरण :- गोरा-सा, काला-सा, सुनहरा, इकहरा आदि ।

 

तध्दितान्त शब्द

शब्द प्रत्यय तद्धितान्त शब्द
गाड़ी वाला गाड़ी-वाला
तबला ची तबलची
चाचा एरा चचेरा
तेल तेली
साँप एरा सपेरा
सोना आर सुनार
दुकान दार दुकानदार
जुआ री जुआरी
खेल ड़ी खिलाड़ी
रंग ईला रंगीला
धन वान् धनवान्
बूढ़ा पा बुढ़ापा
ग्राम ग्राम्य
चटक ईला चटकीला
खाक सार खाकसार
चौड़ा आई चौड़ाई
 

तत्सम तध्दितान्त शब्द

  • शिशु = शैशव, शिशुता
  • मधुर = माधुर्य, मधुरता
  • पांडु = पाण्डव
  • हिम =  हेम
  • अर्थ = आर्थिक
  • मेधा =  मेधावी
  • धीर = धैर्य
  • द्रुपद =  द्रौपदी
  • संसार =  संसारिक
  • इतिहास = ऐतिहासिक
  • तद्धितान्त शब्द
  • कुल = कुलीन
  • पूर्ण =  पूर्णिमा
  • जनक =  जानकी
  • दिन =  दैनिक
  • व्यवहार = व्यावहारिक
  • यदु = यादव
  • दनु = दानव
  • मास = मासिक
  • अणु = आणविक
  • रघु= राघव
  • मैल = मलिन
  • कुरु = कौरव
  • वसुदेव = वासुदेव
  • लोक  = लौकिक
  • अन्त = अन्तिम
  • गुरु = गौरव, गुरुता
  • मनु = मानव
  • धर्म = धार्मिक
  • संस्कृति = सांस्कृतिक
  • ऋजु = आर्जव
हम आशा करते हैं कि आपको हमारी यह पोस्ट प्रत्यय || Suffix in hindi पसन्द आई होगी।
 
 
 

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