प्रिय, पाठकों आज की इस पोस्ट में हमने मालिनी छन्द के बारे में जानकारी प्रदान की है। आशा करते हैं कि आपको मालिनी छन्द की परिभाषा तथा मालिनी छन्द के उदाहरण सहित यह जानकारी पसंद आएगी।
मालिनी छन्द की परिभाषा
परिभाषा :- मालिनी एक वार्णिक सम छन्द है। इसके प्रत्येक चरण में पन्द्रह वर्ण होते हैं। आठवें वर्ण एवं चरण के अन्त में यति होती है। अर्थात् इसके प्रत्येक चरण में दो नगण,मगण और दो यगण होते है।
उदाहरण :
हम जानते हैं –
नगण = । । । , मगण = ऽ ऽ ऽ और यगण = । ऽ ऽ
न न म य य
। । । । । । ऽ ऽ ऽ । ऽ ऽ । ऽ ऽ
प्रिय पति वह मेरा, प्राण प्यारा कहाँ है ?
दुःख जलनिधि डूबी का सहारा कहाँ है ?
लख मुख जिसका मैं, आज लौं जी सकी हूँ
रह हृदय हमारा, नैन तारा कहाँ है?
नमस्कार महोदय।
कृपया मेरा संदेह की निवृत्ति कीजिए।
"मेरा प्राण प्यारा"
के लिए SSS ISS सही है ?
मेरी शंका है कि, संयुक्ताक्षर "प्या" के कारण "ण" गुरु होगी या नहीं।
कृपया इस प्रकार के चरणों में कोई अलग नियम होते बताइये। Please 🙏🙏
Nhi kyu ki dono ke beech space hoga